Railway Stations Name Change 2025: यूपी में 8 रेलवे स्टेशनों के नाम बदले, जानिए क्यों और कैसे हुआ ये बड़ा बदलाव

उत्तर प्रदेश में हाल ही में आठ रेलवे स्टेशनों के नाम बदल दिए गए हैं। यह फैसला उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लिया गया है और इसका उद्देश्य स्थानीय संस्कृति और विरासत को संरक्षित करना है। बदले गए नामों में कुछ स्टेशन अब स्थानीय मंदिरों, संतों और स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर हैं। यह बदलाव लखनऊ डिवीजन के अंतर्गत आने वाले स्टेशनों में किया गया है।

नाम बदलने का यह कदम भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार द्वारा उठाया गया है, जिसका उद्देश्य “गुलामी के प्रतीकों” को हटाना और “हमारी परंपरा और संस्कृति के प्रतीकों” को स्थापित करना है। सरकार का कहना है कि यह बदलाव स्थानीय लोगों की भावनाओं का सम्मान करने और क्षेत्र की सांस्कृतिक पहचान को बढ़ावा देने के लिए किया गया है।

हालांकि, समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता अखिलेश यादव ने इस फैसले की आलोचना करते हुए कहा है कि सरकार को रेलवे स्टेशनों की स्थिति सुधारने और रेल दुर्घटनाओं को रोकने पर ध्यान देना चाहिए।यह लेख आपको इन परिवर्तनों के बारे में विस्तृत जानकारी देगा, जिसमें स्टेशनों के नए नाम, नाम बदलने के कारण और इस पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं शामिल हैं।

रेलवे स्टेशनों का नाम परिवर्तन

स्टेशन का पुराना नामस्टेशन का नया नाम
कासिमपुर हॉल्टजैस सिटी
जैसगुरु गोरखनाथ धाम
मिसरौलीमां कालिका धाम
बनीस्वामी परमहंस
निहालगढ़महाराजा बिजली पासी
अकबरगंजमां अहोरवा भवानी धाम
वज़ीरगंज हॉल्टअमर शहीद भाले सुल्तान
फुर्सतगंजतपेश्वरनाथ धाम

Lucknow Division में Railway Stations के नाम क्यों बदले गए?

उत्तर प्रदेश सरकार ने लखनऊ डिवीजन के आठ रेलवे स्टेशनों के नाम बदलने का फैसला कई कारणों से लिया। इन कारणों में शामिल हैं:

  • स्थानीय संस्कृति और विरासत को संरक्षित करना: सरकार का कहना है कि इन स्टेशनों के नाम स्थानीय मंदिरों, संतों और स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर रखकर क्षेत्र की सांस्कृतिक पहचान को बढ़ावा दिया जा रहा है।
  • गुलामी के प्रतीकों को हटाना: भाजपा का मानना है कि कुछ स्टेशनों के नाम गुलामी के प्रतीक हैं और उन्हें बदलकर “हमारी परंपरा और संस्कृति के प्रतीकों” को स्थापित किया जाना चाहिए।
  • धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देना: सरकार धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने की योजना बना रही है और स्टेशनों के नाम बदलकर इस दिशा में एक कदम उठाया गया है।
  • स्थानीय भावनाओं का सम्मान करना: कुछ स्टेशनों के नाम बदलने की मांग स्थानीय लोगों द्वारा लंबे समय से की जा रही थी, क्योंकि वे मानते थे कि पुराने नाम उनकी संस्कृति और इतिहास को प्रतिबिंबित नहीं करते हैं।

बदले गए Railway Stations के नाम और उनका महत्व

यहां बदले गए प्रत्येक स्टेशन के नाम और उनके महत्व के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है:

  1. कासिमपुर हॉल्ट से जैस सिटी: कासिमपुर हॉल्ट का नाम बदलकर जैस सिटी इसलिए किया गया क्योंकि कासिमपुर गांव स्टेशन से काफी दूर है। जैस शहर स्टेशन के पास स्थित है और इस क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण शहर है.
  2. जैस से गुरु गोरखनाथ धाम: जैस स्टेशन का नाम बदलकर गुरु गोरखनाथ धाम इसलिए किया गया क्योंकि स्टेशन के पास गुरु गोरखनाथ धाम आश्रम स्थित है। यह आश्रम क्षेत्र में एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है.
  3. मिसरौली से मां कालिका धाम: मिसरौली स्टेशन का नाम बदलकर मां कालिका धाम इसलिए किया गया क्योंकि स्टेशन के पास मां काली का मंदिर स्थित है। यह मंदिर क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है.
  4. बनी से स्वामी परमहंस: बनी स्टेशन का नाम बदलकर स्वामी परमहंस इसलिए किया गया क्योंकि स्टेशन के पास स्वामी परमहंस का आश्रम स्थित है। स्वामी परमहंस एक प्रसिद्ध संत थे और इस क्षेत्र में उनका बहुत सम्मान किया जाता है.
  5. निहालगढ़ से महाराजा बिजली पासी: निहालगढ़ स्टेशन का नाम बदलकर महाराजा बिजली पासी इसलिए किया गया क्योंकि यह क्षेत्र पासी समुदाय का गढ़ है। महाराजा बिजली पासी पासी समुदाय के एक महान योद्धा थे और उन्होंने इस क्षेत्र के लिए बहुत योगदान दिया था.
  6. अकबरगंज से मां अहोरवा भवानी धाम: अकबरगंज स्टेशन का नाम बदलकर मां अहोरवा भवानी धाम इसलिए किया गया क्योंकि स्टेशन के पास मां अहोरवा भवानी का मंदिर स्थित है। यह मंदिर क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है.
  7. वज़ीरगंज हॉल्ट से अमर शहीद भाले सुल्तान: वज़ीरगंज हॉल्ट का नाम बदलकर अमर शहीद भाले सुल्तान इसलिए किया गया क्योंकि भाले सुल्तान एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे। उन्होंने 1857 के विद्रोह में अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी.
  8. फुर्सतगंज से तपेश्वरनाथ धाम: फुर्सतगंज स्टेशन का नाम बदलकर तपेश्वरनाथ धाम इसलिए किया गया क्योंकि स्टेशन के पास तपेश्वरनाथ मंदिर स्थित है। यह मंदिर क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है.

Akhilesh Yadav और अन्य विपक्षी नेताओं की प्रतिक्रिया

रेलवे स्टेशनों के नाम बदलने के फैसले पर अखिलेश यादव और अन्य विपक्षी नेताओं ने सरकार की आलोचना की है। अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार को रेलवे स्टेशनों की स्थिति सुधारने और रेल दुर्घटनाओं को रोकने पर ध्यान देना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि नाम बदलने से आम लोगों को कोई फायदा नहीं होगा।

अन्य विपक्षी नेताओं ने भी इस फैसले को राजनीतिक रूप से प्रेरित बताया है। उनका कहना है कि सरकार वोट बैंक की राजनीति कर रही है और लोगों का ध्यान असली मुद्दों से भटका रही है।

आम जनता पर Railway Stations के नाम बदलने का असर

रेलवे स्टेशनों के नाम बदलने का आम जनता पर मिला-जुला असर होगा। कुछ लोग इस फैसले से खुश हैं और उनका मानना है कि यह स्थानीय संस्कृति और विरासत को बढ़ावा देगा। वहीं, कुछ लोग इस फैसले से नाखुश हैं और उनका मानना है कि यह अनावश्यक है और इससे भ्रम पैदा होगा।

नाम बदलने से यात्रियों को कुछ समय के लिए परेशानी हो सकती है, क्योंकि उन्हें नए नामों के बारे में जानकारी नहीं होगी। हालांकि, रेलवे स्टेशनों पर नए नामों के संकेत लगाए जाएंगे और धीरे-धीरे लोग नए नामों से परिचित हो जाएंगे।

Railway Stations के नाम बदलने की प्रक्रिया

भारत में रेलवे स्टेशनों के नाम बदलने की एक निर्धारित प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया में निम्नलिखित चरण शामिल हैं:

  1. राज्य सरकार रेलवे स्टेशनों के नाम बदलने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजती है।
  2. केंद्र सरकार इस प्रस्ताव पर विभिन्न मंत्रालयों और विभागों से राय लेती है।
  3. यदि सभी मंत्रालय और विभाग इस प्रस्ताव पर सहमत होते हैं, तो केंद्र सरकार नाम बदलने की मंजूरी दे देती है।
  4. नाम बदलने की मंजूरी मिलने के बाद, रेलवे स्टेशनों पर नए नामों के संकेत लगाए जाते हैं।

Railway Stations के नाम बदलने के फायदे और नुकसान

रेलवे स्टेशनों के नाम बदलने के कई फायदे और नुकसान हैं।

फायदे:

  • स्थानीय संस्कृति और विरासत को बढ़ावा मिलता है।
  • गुलामी के प्रतीकों को हटाया जा सकता है।
  • धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिल सकता है।
  • स्थानीय भावनाओं का सम्मान किया जा सकता है।

नुकसान:

  • यह एक महंगा और समय लेने वाला प्रक्रिया है।
  • इससे भ्रम पैदा हो सकता है।
  • यह राजनीतिक रूप से प्रेरित हो सकता है।
  • इससे आम लोगों को कोई फायदा नहीं हो सकता है।

Disclaimer

यह लेख रेलवे स्टेशनों के नाम बदलने के बारे में जानकारी प्रदान करने के लिए है। इस लेख में दी गई जानकारी विभिन्न स्रोतों से एकत्र की गई है और यह सटीक होने की पूरी कोशिश की गई है। हालांकि, हम इस जानकारी की सटीकता या पूर्णता की गारंटी नहीं देते हैं। रेलवे स्टेशनों के नाम बदलने के बारे में कोई भी निर्णय लेने से पहले, हम आपको अपनी स्वयं की जांच करने और पेशेवर सलाह लेने की सलाह देते हैं।

रेलवे स्टेशनों के नाम बदलना एक जटिल मुद्दा है जिसके कई अलग-अलग दृष्टिकोण हैं। इस लेख का उद्देश्य इस मुद्दे के बारे में जानकारी प्रदान करना और आपको अपना स्वयं का निर्णय लेने में मदद करना है।

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